Insaaf Kaun Karega Mohammed Aziz Song Download
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Song Lyrics
ढाता है इंसान पे यूँ सितम, इंसान
ढाता है इंसान पे यूँ सितम, इंसान
इंसान से बेहतर लगता है हैवान
जब राज करे शैतान
जब राज करे शैतान, तो ए भगवान
(इंसाफ़ कौन करेगा?)
(इंसाफ़ कौन करेगा?)
ढाता है इंसान पे यूँ सितम, इंसान
इंसान से बेहतर लगता है हैवान
जब राज करे शैतान, तो ए भगवान
इंसाफ़ कौन करेगा?
इंसाफ़ कौन करेगा?
बड़ता ही रहा दुनिया में अगर यूँ पाप
बड़ता ही रहा दुनिया में अगर यूँ पाप
मिट जाएगा तेरा जग ये अपने आप
फिर तुझपे भला विश्वास करेगा कौन
देखेगा अगर तू ज़ुल्म यूँ ही चुपचाप
ज़ालिम हो अगर बलवान
ज़ालिम हो अगर बलवान, तो ए भगवान
(इंसाफ़ कौन करेगा?)
(इंसाफ़ कौन करेगा?)
इंसाफ़ कौन करेगा?
इंसाफ़ कौन करेगा?
प्यासा है तेरे ही खून का तेरा खून
प्यासा है तेरे ही खून का तेरा खून
ले देख ले ये है कुदरत का कानून
अपने ही लहू से आज है तू अनजान
किस मंज़िल पे ले आया तुझे ये जुनून
रिश्तों की मिटे पहचान
रिश्तों की मिटे पहचान, तो ए भगवान
(इंसाफ़ कौन करेगा?)
(इंसाफ़ कौन करेगा?)
ढाता है इंसान पे यूँ सितम, इंसान
इंसान से बेहतर लगता है हैवान
जब राज करे शैतान, तो ए भगवान
इंसाफ़ कौन करेगा?
इंसाफ़ कौन करेगा?
(इंसाफ़ कौन करेगा?)
(इंसाफ़ कौन करेगा?)